What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी shiv chalisa lyricsl भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥